रायगढ़ । वैदिक इंटरनेशनल स्कूल मे आज सुबह एक बारहवीं कक्षा की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों मे हुई मृत्यु के मामले मे कई प्रकार के सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मामले मे स्कूल प्रबंधन के द्वारा जो तरीका अपनाया गया उससे प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। हॉस्टल से छात्रा को निजी अस्पताल ले जाना, उनके द्वारा मेडिकल कॉलेज रिफर करने के बावजूद दूसरे निजी अस्पताल ले जाना, वहाँ बालिका को मृत घोषित किये जाने पर बिना पुलिस को सूचना दिये बिना पोस्टमार्टम के परिजनों के साथ बालिका के शव को उसके गृहग्राम ले जाना हालाँकि मीडिया मे चलती ख़बरों व छात्र संगठन एनएसयूआई के इस मामले मे सामने आने पर जुटमिल पुलिस थाने के अधिकारी व मालखरोदा पुलिस की उपस्थिति मे मालखरोदा मे ही बालिका का पीएम कराये जाने की जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रायगढ़ के जुटमिल थाना क्षेत्र अंतर्गत पटेलपाली स्थित वैदिक इंटरनेशनल स्कूल मे एक छात्रा जो कि वहीँ हॉस्टल मे रहकर कक्षा बारहवीं की पढाई कर रही थी। छात्रा सुबह वाशरूम गयी थी, जहाँ काफी समय तक उसके वाशरूम से बाहर नहीं निकलने पर हॉस्टल स्टाफ व अन्य लोगों ने आवाज लगाई, कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर अंदर झांक कर देखा गया तो बालिका फर्श पर गिरी हुई थी। हॉस्टल स्टाफ द्वारा घटना की सूचना स्कूल प्रबंधन को दी गई। वाशरूम के दरवाजे को तोडा गया और बालिका को स्कूल के प्रिंसिपल की कार से उपचार हेतु समीप के निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ बालिका की गंभीर स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन द्वारा बेहतर उपचार हेतु मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया किन्तु स्कूल स्टाफ के साथ बालिका के स्थानीय परिजन बालिका को एक अन्य निजी अस्पताल ले गए जहाँ वहाँ उपस्थित चिकित्सक द्वारा बालिका को मृत बताया। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार चिकित्सक के द्वारा बालिका को मृत बताये जाने व मामले की सूचना नजदीकी थाने मे दिये जाने को लेकर परिजनों व स्कूल स्टाफ मे कहासुनी भी हुई, जिसके बाद बालिका के परिजन उसके शव को लेकर अपने गृहग्राम को रवाना हो गये।
इस मामले मे पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर घटना स्थल जो कि जुटमिल थाना क्षेत्र मे आता है, वहाँ के प्रभारी अथवा थाने मे इस मामले की किसी भी प्रकार की सूचना स्कूल प्रबंधन द्वारा उन्हें नहीं दिया जाना बताया गया, बल्कि मीडिया से जानकारी प्राप्त होने पर थाना प्रभारी द्वारा घटना के विषय मे अपने उच्चाधिकारियों को अवगत करते हुए मृत बालिका के गृह ग्राम पोता के निकटस्थ मालखरोदा थाने के प्रभारी को पूरे मामले से अवगत करते हुए बालिका के शव को अपने कब्जे मे लेने को कहा तत्पश्चात अपने थाने से दो स्टाफ तत्काल बालिका के गृहग्राम को रवाना किया, जिनकी उपस्थिति मे मालखरोदा मे बालिका के शव का पोस्टमार्टम कराये जाने व मामले की जाँच व कार्रवाई की बात उन्होंने कही।
घटना की खबर मिलते ही छात्र संगठन एनएसयूआई के नेता व सदस्य तत्काल स्कूल पहुंचे व किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति के न मिलने पर हंगामा किया। पत्रकारों से चर्चा करते हुए संगठन के नेता आरिफ हुसैन ने कहा कि इस पूरे मामले मे स्कूल प्रबंधन द्वारा भारी लापरवाही बरती गयी है। घटना के पश्चात् बालिका को उपचार हेतु एक निजी अस्पताल ले जाया गया वहाँ से दूसरे निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ बालिका को मृत घोषित किये जाने पर बिना पुलिस को सूचना दिये, बिना पोस्टमार्टम उसके शव को घर ले जाना उचित नहीं है। हम यहाँ प्रबंधन से मामले की जानकारी लेने आये किन्तु कोई भी जवाबदार व्यक्ति यहाँ उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि स्कूल व कॉलेज एक ही बिल्डिंग मे चलता है, करीब एक साल पहले उनके द्वारा प्रिंसिपल की नियुक्ति हेतु यूनिवर्सिटी से मांग की गयी थी, जो कि पूरी नहीं हुई। कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं होने के कारण आज एक बड़ी घटना हो गयी। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष रूप से जाँच होनी चाहिये साथ ही स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मामले मे लापरवाही बरते जाने को लेकर थाने मे एफआईआर दर्ज कराने की बात कही।
बहरहाल इस पूरे घटनाक्रम के पश्चात् लोगों की नजरें प्रशासन के ऊपर है कि वह क्या कदम उठाता है। एक स्कूल मे हॉस्टल मे रहकर अध्ययनरत बालिका की संदिग्ध परिस्थितियों मे मृत्यु हो जाना। स्कूल प्रबंधन द्वारा बालिका को गंभीरावस्था मे सरकारी मेडिकल कॉलेज ले जाने के बजाय निजी अस्पताल ले जाना। घटना की सूचना पुलिस को न देना साथ ही संदिग्ध परिस्थितियों मे हुई मौत के बाद बिना पोस्टमार्टम मृत बालिका के शव को उसके गृहग्राम ले जाना संदेहजनक है। पोस्टमार्टम से प्राप्त जानकारी के बाद पुलिस क्या कार्रवाई करती है, किस प्रकार जाँच आगे बढती है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय इस मामले मे क्या कदम उठाता है यह देखने का विषय है।