जेपीएल कलेक्टर के आदेश के नाम पर करवा रहा झूठा सर्वे : नागरामुड़ा के ग्रामीण फरियाद लेकर पहुँचे जनदर्शन पर
रायगढ़ । आज दिनाँक 6 अगस्त मंगलवार के दिन भारी संख्या में रायगढ़ जिले के तमनार तहसील अंतर्गत ग्राम नागरामुड़ा के ग्रामीण महिला एवं पुरुष तमनार स्थित जिंदल पॉवर लि. के विरुद्ध शिकायत लेकर कलेक्टर जनदर्शन में पहुँचे। ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंप कर जेपीएल प्रबंधन द्वारा उनकी जमीनों के करवाये जा रहे सर्वे पर रोक लगाये जाने व मामले की जाँच किये जाने की माँग की, जिस पर कलेक्टर रायगढ़ ने तत्काल एसडीएम घरघोड़ा को फोन कर मामले की जाँच करने हेतु आदेशित किया।
आज कलेक्टर जनदर्शन में पहुँचे ग्रामीणों ने बताया कि वे ग्राम नागरामुड़ा के स्थायी निवासी हैं व गाँव में रहकर कृषि, मजदूरी का कार्य कर अपना जीवन-यापन करते हैं। जेपीएल प्रबंधन जबरिया उनकी जमीनों एवं मकानों का सर्वे करवा रहा है। ग्रामीणों द्वारा सर्वे के संबंध में पूछे जाने पर कलेक्टर रायगढ़ के आदेश पर यह सब किया जाना बताया जा रहा है, वहीं ग्रामीणों द्वारा उक्त आदेश की कॉपी मांगे जाने पर उन्हें कोई भी आदेश की कॉपी प्रबंधन द्वारा नहीं दिखाई जा रही है। ग्रामीणों का यह आरोप है कि कंपनी प्रबंधन अपने उद्योग के विस्तार के लिये सचिव व हल्का पटवारी से साँठ-गाँठ कर बिना नोटिस व इश्तिहार दिये, बिना किसी सूचना के गरीब किसानों की जमीनों को हड़पने की नीयत से यह सब कर रहा है।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि उद्योग प्रबंधन द्वारा उनके बस्ती के चारों तरफ बाड़ भी लगायी जा रही है, जिससे उन्हें अपनी जमीनों व मकानों में आने-जाने में कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि हमारे द्वारा नाप-जोख से रोके जाने पर कलेक्टर का आदेश है, हम कुछ भी कर सकते हैं, ऐसा जवाब उन्हें कंपनी के लोगों से सुनने को मिलता है। ग्रामीणों के बीच भय का माहौल है, उन्होंने कहा कि हमारी जमीनें व मकान हमसे छिन जायेंगे तो हम कहाँ जायेंगे, हम अपना व अपने बच्चों का जीवन-यापन कैसे करेंगे। लिहाजा वे न्याय मांगने व उद्योग प्रबंधन कि मनमानी पर रोक लगाने कि गुहार लेकर जनदर्शन में पहुँचे हैं।
जिला कलेक्टर ने लिया तत्काल संज्ञान : जनदर्शन में पहुँचे ग्रामीणों कि व्यथा सुनकर जिला कलेक्टर कर्तिकेया गोयल ने तत्काल एसडीएम घरघोड़ा को फोन कर ग्रामीणों के आवेदन के सन्दर्भ में चर्चा की तथा इस मामले की जाँच कर उन्हें सूचित करने को कहा जिसके पश्चात ग्रामीणों के चेहरों में राहत के भाव नजर आये।
बहरहाल अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या होगा, जाँच के पश्चात् कहानी स्पष्ट होगी। क्योंकि यह तो सत्य है कि उद्योगों की मनमानी चरम पर है, कारण अक्सर स्थापित उद्योगों के प्रभावित क्षेत्रों से लोग अपनी शिकायतें लेकर आते ही रहते हैं। शासन-प्रशासन में बैठे कुछ दलाल टाइप के लोगों के कारण कार्रवाई के अभाव में इनके हौसले बुलंद हैं। न तो ये शासन के नियम अंतर्गत प्रभावित क्षेत्रों में अपने नैतिक दायित्व की पूर्ति ईमानदारी से करते हैं बल्कि प्रदेश के साधन-संसाधनों का, खनिजों का भरपूर दोहन करते हुए ये अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए हैं।