रायगढ़ । अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट बनोरा के तत्वाधान में आयोजित निः शुल्क चालीस दिवसीय कोचिंग आज समाप्त हुआ। समापन आयोजन बनोरा आश्रम में ट्रस्टी मदन जी दिनेश कलानोरिया एवम जगदीश अग्रवाल की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ इस दौरान कोचिंग देने वाले शिक्षको एवम 150 छात्र छात्राएं मौजूद रहे।
सर्वप्रथम अघोरेश्वर के तैल चित्र में माल्यार्पण के बाद प्रार्थना हुई इसके बाद छात्र छात्राओं ने चालीस दिवसीय कोचिंग के संबंध में विचार रखे। मई माह के प्रथम सप्ताह में यह कोचिंग पूज्य बाबा प्रियदर्शी राम जी के मुख्य आतिथ्य एवम सूबे के वित्त मंत्री रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी के कार्यक्रम आतिथ्य में संपन्न हुआ। पूज्य बाबा ने इसके कोचिंग के शुभारंभ के दौरान कहा था कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले साधन विहीन बच्चे बड़े पदों हेतु होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं को शामिल होकर सफल होने का सुअवसर मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले 10 एवम 12 वी के छात्र छात्राओं के लिए चालीस दिवसीय ग्रीष्म कालीन अवकाश में विशेषज्ञ शिक्षको के जरिए निः शुल्क कोचिंग शुरू की गई है।
कोचिंग के शुभारंभ के दौरान वित्त मंत्री ने छात्र छात्राओं को शिक्षा के लिए मोटिवेट भी किया साथ ही विधायक ओपी चौधरी ने बनोरा विद्यालय हेतु लाइब्रेरी हेतु एक हजार पुस्तके भी दी। इस कोचिंग में आस पास के दो दर्जन गांव बनोरा, बनोराआश्रम, बेलरिया, कोसमपाली, कोतरलिया, कुकुर्दा, कलमीडिपा, जुर्डा, महापल्ली, भोजपल्ली, साल्हेओना, सकरबोगा, डुमरपाली, छुहीपाली, जामगांव, नवापारा, लोईग, सियारपाली, खैरपाली, कोयलगा, कोटमार, विश्वनाथपाली, पतरापाली एवम कोतरलिया, महापल्ली, जामगांव, लोईंग, अभिनव स्कुल पुसौर, गुरूद्रोण रायगढ, नटवर रायगढ नवापारा, सरस्वती शिशु मंदिर रायगढ़, के 10 वी के 84 एवम 12 के 66 छात्र छात्राओं को लाभ मिला।
ग्रीष्म कालीन निशुल्क कोचिंग में एन. एल. भंडारी, रामगोपाल शुक्ला, कामतानाथ तिवारी, बी एल गुप्ता, सुश्री कृष्णा इजारदार प्रकाश सिंह, श्रीमती अर्चना सिंह, हेमसागर सेठ, श्रीमती रेनू शर्मा, गोपाल कृष्ण त्रिपाठी, ओंकार साहू, नरेंद्र देवांगन, श्रीकांत मिश्रा, तनुजा यादव, श्रीमती हेमकांति गुप्ता, अंजन कुमार प्रधान रजनी पटेल शिक्षको ने अपनी सेवाए दी। प्रतिदिन सुबह 6.30 से 10 तक ये शिक्षक फिजिक्स मैथ्स बायो अंग्रेजी केमेस्ट्री से जुड़े विषयों की 50 मिनट की क्लासेस लेते थे।
कोचिंग के दौरान विभिन्न विषयों के लिए चार कक्षाएं संचालित हो रही थी। कोचिंग के अंतिम दो दिनों तक कैरियर गाइडेंस भी दिया गया। समापन के दौरान सभी शिक्षको को प्रशस्ति पत्र के साथ अघोरेश्वर की अनुकंपा पुस्तक भेट की गई। 5 मई से प्रारंभ से कोचिंग में छात्र छात्राओं ने अपने अनुभव भी साझा किए। छात्र छात्राओं ने कहा इस तरह की क्लासेस से उन्हें बहुत से अच्छे अनुभव हुए ये क्लासेस नियमित हर वर्ष होनी चाहिए। साथ ही इस दौरान एक प्रतियोगी परीक्षा भी आयोजित की जानी चाहिए। व्यक्तित्व विकास की क्लासेस कोचिंग में शामिल किए जाने का सुझाव रखा गया।