देश के लिये शहीद होने वाले स्कूल के पूर्व छात्रों को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि
रीवा। सैनिक स्कूल का ६३वां स्थापना दिवस शनिवार को मनाया गया। इस मौके पर पुरस्कार वितरण एवं पद अलंकरण समारोह का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्राचार्य कर्नल अविनाश रावल रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि विद्यालय के पूर्व छात्र शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की माता आशा एवं पिता सुभाष त्रिपाठी रहे। सर्वप्रथम शनिवार को सैनवा स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।
तत्पश्चात मुख्य अतिथि ने ध्वजारोहण किया व कैडेट्स ने मुख्य अतिथि को सलामी दी। इसके उपरांत प्राचार्य ने परेड का निरीक्षण किया। फिर मानेक शॉ सभागार में विशेष सभा का आयोजन हुआ। इस सभा में प्राचार्य ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। पद अलंकरण समारोह के अंतर्गत कैडेट नीलोत्पल शर्मा ने विद्यालय कप्तान की शपथ ली। ऐसे ही अतीश सिंह सिकरवार उप कप्तान, राम शर्मा एड्ज्यूडेंट, खेलकूद कप्तान कृष्णा, मेस कप्तान ऋषभ ठाकुर, गर्ल्स कप्तान प्रचेता कात्यायनी, गर्ल्स उप कप्तान वर्षा सिंह नियुक्त हुई। इसके बाद विगत वर्ष की परीक्षा में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया। फिर स्कूल मैगजीन का विमोचन हुआ और टाइम मशीन ४.० की विशेष प्रस्तुति हुई। इस दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल एपीएस भुल्लर, प्रशासनिक अधिकारी स्कवाड्रन लीडर त्रिलोक कुमार, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. आरएस पाण्डेय, लेफ्टिनेंट कर्नल पी.गंगा, नेहा रावल, रीमा सिंधु, कीर्तिपाल सिंह भुल्लर, आरके शुक्ला, सिल्वर जुबली बैच १९९९ के पूरे छात्र सहित अन्य शिक्षक छात्रगण उपस्थित रहे।
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए
अगले कार्यक्रम में विद्यालय में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए, जिसमें गोरखा रेजीमेंट सेंटर, वाराणसी द्वारा दी गई प्रस्तुति अत्यंत रोमांचक एवं भावुक थी। विद्यालय के पूर्व छात्र एवं अरूणाचल प्रदेश के वर्तमान राज्यपाल केटी पारनायक के प्रशंसा पत्र द्वारा शिक्षक डॉ.आर.केशर्मा को अंलकृत किया गया। ऐसे ही पूर्व छात्र एवं नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी के प्रशस्ति पत्र द्वारा उप प्राचार्य त्रिलोक कुमार को अलंकृत किया गया। अंत में परंपरा अनुसार पूर्व छात्र एवं वर्तमान छात्रों के बीच फुटबाल मैच खेला गया।
मैंगो पार्टी से हुआ समापन
सैनिक स्कूल रीवा की पूर्व परंपरा के अनुरूप ६३वें स्थापना दिवस का समापन शिक्षक और छात्रों के साथ मैंगो पार्टी से हुआ। जिसमें स्कूल के सभी छात्रों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। अंत में सैनिक स्कूल में कार्यरत कर्मचारियों को भी आम के पैकेट्स दिये गये। इससे पूर्व सैनिक स्कूल के प्राचार्य एवं स्टॉफ सहित छात्रों ने दोपहर का भोजन एक साथ किया।