रायगढ़। वे सपने देख सकती हैं, दृढ़ निश्चय कर सकती हैं और अपना भाग्य बना सकती हैं। एनटीपीसी लारा ने 13 जून 2024 तक चलने वाले अपने बालिका सशक्तीकरण अभियान (ळम्ड) 2024 कार्यक्रम के जरिए 10-12 साल की उम्र की लड़कियों में यह जुनून जगाया है। इस कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली आसपास के गांवों की 40 लड़कियों का चयन किया गया है। यह पूरी तरह से आवासीय और निःशुल्क व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम है। गर्मी की छुट्टियों के बेहतर उपयोग के लिए एनटीपीसी ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों की बेहतरी के लिए यह कार्यक्रम तैयार किया है।
एनटीपीसी लारा एक बार फिर आसपास के गांवों की लड़कियों की मदद के लिए आगे आया है, ताकि उन्हें उनके अंतर्निहित गुणों को समझने और महसूस करने में मदद मिल सके और उन्हें अपने जीवन में नई ऊंचाई हासिल करने के लिए उन गुणों को विकसित करने के लिए प्रेरित किया जा सके। एनटीपीसी लारा में बालिका सशक्तीकरण मिशन (जीईएम) 2024 का तीसरा संस्करण, एक महीने तक चलने वाला एनटीपीसी का प्रमुख कार्यक्रम, 17 मई को शुरू हुआ है। पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी आसपास के गांवों छपोरा, कांडागढ़, बोड़ाझरिया, लारा, देवलसुरा, रियापल्ली, लोहाखान और झिलगिटार की 10 से 12 वर्ष की 40 बालिकाओं की चयन इस कार्यक्रम के लिए की गई थी।
नियमित पाठ्यक्रम के अलावा, इन लड़कियों को कला, नृत्य, नाटक और संगीत के प्रशिक्षण के साथ-साथ योग, आत्मरक्षा, बुनियादी अंग्रेजी, हिंदी, गणित, विज्ञान, सामान्य ज्ञान और जीवन कौशल जैसे क्षेत्रों में सॉफ्ट स्किल और ज्ञान से लैस किया जाएगा। श्वेता और साक्षी गांव बोड़ाझरिया और झिलगिटार की दो लड़कियां आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करने का सपना देख रही हैं। संख्या यहीं नहीं रुकती, जैसे रीना डॉक्टर बनना चाहती है, राखी पुलिस अधिकारी बनना चाहती है सावित्री खेलकूद में अच्छी है, इसलिए वह भविष्य में कबड्डी खिलाड़ी बनना चाहती है। सुश्री चंचल को नृत्य और गायन का शौक है, इसलिए वह डांसर बनना चाहती है और अन्य छात्राओं को सिखाएगी। प्रत्येक लड़की ने भविष्य में कुछ हासिल करने के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित किया है। जैसा कि उन्होंने कहा, ष्मेरे गांव की कई बड़ी बहनें, जो ळम्ड कार्यशालाओं के पिछले संस्करणों में इस कार्यक्रम का हिस्सा थीं, ने शिविर की सराहना की। उन्होंने विभिन्न नृत्य रूप, योग, कला और नाटक सीखे। मैं इसे लेकर उत्साहित थी! मैं छज्च्ब् लारा की आभारी हूँ क्योंकि उन्होंने मुझे इस वर्ष कार्यक्रम में शामिल होने दिया। एक बालिका उन्मुख कार्यक्रम होने के नाते, छज्च्ब् लारा की महिला कल्याण संस्था प्रेरिता महिला समिति घरेलू माहौल में आयोजन के लिए अपना समर्थन दे रही है।
भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड इस प्रमुख सीएसआर पहल के अंतर्गत बालिका सशक्तीकरण अभियान का आयोजन कर रही है।